जब समाज भौतिक लाभ को ही अपना प्रमुख लक्ष्य बना लेता है और अपने सभी संसाधन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगा देता है तो परिवार, समाज तथा राष्ट्र का विघटन दूर नहीं होता जिससे हमारी प्रचलित शिक्षा प्रणाली से सम्बंधित सोच समझ एवं नीतियों पर सवाल उठते हैं |
हम एक समाज के रूप में ईमानदारी तथा सत्यनिष्ठा कोको अग्रिम पंक्ति में लाने और योग्य लोगों को उनके सर्वोच्च सम्मान से पुरष्कृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं |
आइये हम सब मिलकर आवश्यक सुधार लाने को एकजुट हों और सर्वोत्तम मष्तिस्क को खिलने का मौका दे कर देश को गौरान्वित करें |